अपनी धरती अपना अम्बर ये सारी जमी ही अपनी है !
जहाँ रहो आबाद रहो खुश रहो खुशियाँ बाँटो यही जिंदगी है !!
जैसा सोचोगे वैसा पाओगे, जैसा बोओगे वैसा काटोगे !
जैसी करनी वैसी भरनी यही जिंदगी है !!
जो मिल गया है उसे सहेजो जो खो गया उसे जाने दो !
खोने का गम मिलने की खुशी ये आनी जानी है यही जिंदगी है !!
फूल के संग कांटे भी है धुप के संग संग छाँव भी है !
सुख दुःख एक सिक्के के पहलु जिंदगी एक पहेली है !!
पल में आशा पल में निराशा आँखों में अश्क तो होटों पे मुस्कान !
हर पल बस मुस्कुराते रहो हंसो और हँसाते रहो यही जिंदगी है !!
कल होना हो कल का ना भरोसा आज अभी जो होना होगा हो जाने दो !
बीत गया वो ही पल अपना उम्र की यही तो गिनती है यही जिंदगी है !!
No comments:
Post a Comment