Sunday, November 2, 2008

बेटो निकल गयो कुपाडू

ओ गप्पू जणू में तेरे बारे में सब कुछ जाणू !
तेरे क्या क्या कारनामे है मैकू एक एक मालूम !!

तू रोज सवेरे उठाकर सारे घर की लगता है झाडू !
बीबी सोई रहती है गर उसकी नींद में खलल पड़ जाए तो ,
ओ गप्पू जोरू वो तेरी ही लगा देती है झाडू !

रोज सुबह की चाय तू ही बनता है बीबी को बेड टी पिलवाता है !
गर चाय में चीनी कम हो जाए तो बीबी की डांट भी खाता है !
गर बीबी रूठ जाए तो गरमा गरम नाश्ता बनाकर खिलाता है !
बीबी के इशारो पे नाचता है उसकी एक आवाज में काँपता है !!
ओ बीबी के पालतू भालू !

घुस दलाली खता है अपना मॉल बनता है बीबी को साडिया दिलवाता है !
घर में सासुमा आ जाए तो रोज रोज पकवान बनवाता है !
गाँव में रह रही बुडी माँ को एक भी साडी नही लाता है !
माँ बोले मेरा बेटा निकल गयो कुपाडू जोरू को भाडू !!

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