Monday, October 20, 2008

सबका मालिक एक

जिस दिल में बदले नफरत कोई रहता हो शैतान !
वो हिंदू ना रहा है ना रहा है वो मुसलमान !!

जहाँ बदले और नफरत का कोई रहता हो शैतान !
वहाँ रहीम रहा न रहा राम ना रहा कोई भगवान् !!

जहाँ प्यार मोहब्बत का सदा गूंजता है पैगाम !
वहीं रहीम रहते है वहीं रहते है वो राम !!

कहाँ खो गए रहीम कहाँ खो गए है राम !
जिनने प्यार मोहब्बत का सदा दिया है पैगाम !!

चाहे तासीर अलग -२ हो मगर सूरत तो एक है !
किस सूरत पे लिखा हिंदू किस सूरत पे मुसलमान !!

वो कैसा हुआ धर्म वो कैसा हुआ इस्लाम !
जो अपने ही नाम पे यहाँ लड़ रहा इंसान !!

अमन का देते है पैगाम जहा गीता और कुरान !
संग संग होती सुबह शाम जहाँ आरती और अजान !!

वहीं मजहब के नाम पर ही मौत के हवाले हुए सैकडो इंसान !
जो मन्दिर मज्जिद में बँट गया वो कैसा हुआ भगवान् !!

जिसने कभी बाँटा नही है नीर और बाँटी नही हवा !
जिसका एक ही सूरज और एक ही चाँद !!

जिसकी एक ये जमी और सारा ये आसमान !
जिनको दे दिए हमने ही अलग -२ नाम रहीम हो या राम !!

या कहो साईं राम जिसने सबका मालिक एक का दिया यंहाँ पैगाम !!

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