खास लोगों की मुट्ठियों में कैद है ,
आम लोगों की तकदीर !
मेरा भारत महान की ,
क्या यही है तस्वीर !
चाँद आकाओ के हाथ में है ,
मेरे महान देश की कमान !
क्या ये देश को ले जाते है सही मुकाम !
मुट्ठी भर हाई कमानों ने थाम रखी है ,
देश के सारे नेताऒ की लगाम !
क्या मेरे देश के ऐसे नेता कह सकते है ,
मेरे देश का लोकतंत्र है सही मुकाम !
महलों में रहने वाले एयर कंडिशनर कमरों में ,
बैठकर गरीबी हटाने की बात करते है !
और गरीब फुटपाथ पे पड़े पड़े भूख से मर जाते है ,
ठंडी और लू में गरीब यूँ ही हट जाते है !
क्या कह सकते है मेरा भारत है महान !
जहा पिच्यासी करोड़ बेहाल स्थिति में है ,
क्या यही है मेरे देश की आन और शान !
देश के कर्णधार अपने सवार्थ के लिए ,
तोड़ते कानून नियम संविधान !
सत्ता पर काबिज होते ही हो जाते है बे लगाम !
देश जाए रसातल में जनता जाए भाड़ में ,
ये बनते सुधारते है अपने दाम और काम !
गाँधी जी और अम्बेड्कर की आत्माए ,
अगर कहीँ जिन्दा होती !
मेरे देश की स्थिति देख वो भी रोती !
मेरे देश के लोग भी है बड़े महान !
फ़िर भी मेरा देश आगे बड़ रहा है ,
चल रहा है प्रगति कर रहा है !
दुश्मनों से लड़ रहा है ,
लगता है सब भगवान् भरोसे ही चल रहा है !
यदि ये सब कुछ उल्टा पुल्टा न होकर ,
सब कुछ ठीक ठाक होता तो !
आज मेरा देश विश्व का सिरमौर होता ,
मै ही नही कहता मेरा भारत महान !
सारा विश्व कहता भारत है महान !
अब भी कुछ नही बिगड़ा है वक्त है ,
बस आवश्यकता है द्रण इच्छा शक्ति की संकल्प की !
कर सकते है भारत का नव निर्माण ,
आवश्यकता है चन्द देश प्रेमियों की !
मुट्ठी भर क्रांतिकारियों की आम लोगो की जाग्रति की ,
फिर गर्व से कह सकते है !
मेरा भारत है महान !!
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