जर जोरू और जमीन ने कइयो को लड़ा दिया है !
जर जोरू न जमीन रही सब कुछ लुटा दिया है !!
अदालतों में घूम घूम कर सारा वक्त गवा दिया है !
हाथ कुछ नही रहा कइयो को दुश्मन बना लिया है !!
जर जब तक रही जोर रहा जोरू ने दीवाना बना दिया है !
जमी जब तक रही मालिक रहा फ़िर भिकारी बना दिया है !!
जर किस के पास रही है जोरू पर भरोसा ही क्यो किया !
ये जमीन किसके साथ गई है इसने आदमी को खुदमे मिलाया !!
जर जिसने महनत से कमाई है और जोरू को अपना बना लिया !
जमी बस सर छुपाने को चाही है उसने खुशियों को पा लिया !!
आमिरी गरीबी जो भी रही हो जो फकीराना अंदाज में जिया है !
जर जोरू और जमीन से मोह न किया है उसने जिंदगी को मौज से जिया है !!
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